अन्ना मणि की जीवनी,जीवन परिचय ,उम्र ,शादी पत्नी ,निधन, ( Anna Mani Biography ,Death ,Wife ,Awards ,Google Doodle in Hindi )
अन्ना मणि एक भारतीय भौतिक विज्ञानी और मौसम विज्ञानी थी । वह भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के उप महानिदेशक के रूप में रिटायर्ड हुईं और उसके बाद उन्होंने रमन अनुसंधान संस्थान में एक अतिथि प्रोफेसर के रूप में कार्य किया ।
उन्होंने मौसम संबंधी उपकरण के क्षेत्र में कई योगदान दिए , शोध किया और सौर विकिरण , ओजोन और पवन ऊर्जा माप पर कई पत्र प्रकाशित किए।
अन्ना मणि की जीवनी। Anna Mani Biography in Hindi
पूरा नाम (Full Name ) | अन्ना मणि |
जन्मदिन (Birthday) | 23 अगस्त 1918 |
उम्र (Age ) | 82 साल (मृत्यु के समय) |
जन्म स्थान (Birth Place) | पीरमाडे , केरल |
मृत्यु की तारीख (Date Of Death ) | 16 अगस्त 2001 |
मृत्यु की वजह (Reason Of Death ) | हार्ट अटैक |
मृत्यु की जगह (Place Of Death ) | तिरुवनंतपुरम, केरल |
शिक्षा (Education ) | बी.एससी ऑनर्स |
कॉलेज (Collage ) | पचैयप्पा कॉलेज ,मद्रास भारतीय विज्ञान संस्थान , बैंगलोर इंपीरियल कॉलेज, लंदन |
नागरिकता (Citizenship) | भारतीय |
गृह नगर (Hometown) | पीरमाडे , केरल |
धर्म (Religion) | ईसाई |
आंखो का रंग (Eye Colour) | काला |
बालों का रंग (Hair Colour) | काला |
पेशा (Occupation) | भौतिक विज्ञानी और मौसम विज्ञानी |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status ) | अवैवाहिक |
अन्ना मणि का जन्म एवं शुरुआती जीवन
अन्ना मोदयिल मणि का जन्म 23 अगस्त 1918 में केरल के पीरमाडे में एक प्राचीन सीरियाई ईसाई परिवार में हुआ था। उनके पिता एक सिविल इंजीनियर थे ।
वह अपने परिवार की आठ संतानों में सातवीं थीं। वह बचपन में एक जिज्ञासु पाठक थीं। वे वैकोम सत्याग्रह के दौरान गांधी की गतिविधियों से प्रभावित थीं । राष्ट्रवादी आंदोलन से प्रेरित होकर उन्होंने केवल खादी के कपड़े पहनना शुरू किया।
मणि परिवार एक हाई प्रोफाइल फॅमिली से ताल्लुक रखती थी जहाँ बचपन से ही लड़कों को हाई प्रोफाइल करियर के लिए तैयार किया जाता था, जबकि बेटियों की शादी के लिए जोर दिया जाता था।
अपने शुरुआती दिनों में वह सिर्फ किताबों को पढ़ती रही । आठ साल की उम्र तक, उसने अपने सार्वजनिक पुस्तकालय में मलयालम में लगभग सभी किताबें पढ़ ली थीं और बारह साल की उम्र तक, सभी किताबें अंग्रेजी में पढ़ चुकी थीं।
अपने आठवें जन्मदिन पर उन्होंने अपने परिवार के हीरे की बालियों के एक सेट के पारंपरिक उपहार को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, इसके बजाय एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के एक सेट को चुना। किताबों की दुनिया ने उन्हें एक नयी में पहचान दिलाने में मदद करी।
अन्ना मणि की शिक्षा –
अपने शुरुआती दिनों में एक डांसर बनना चाहती थी लेकिन उसे घरवालों के खातिर उन्होंने डांसर में अपना करियर ना बनाकर उन्होंने अपने मन को समझा कर भौतिकी में अपना करियर बनाने का फैसला किया क्योंकि उन्हें वह विषय पसंद था।
साल 1939 में, उन्होंने चेन्नई (तब मद्रास) के पचैयप्पा कॉलेज से भौतिकी और रसायन विज्ञान में बी.एससी ऑनर्स की डिग्री के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
साल 1940 में, उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान , बैंगलोर में शोध के लिए छात्रवृत्ति प्राप्त की । 1945 में, वह भौतिकी में स्नातक की पढ़ाई करने के लिए इंपीरियल कॉलेज, लंदन चली गईं। हालाँकि, वह मौसम संबंधी उपकरणों में विशेषज्ञता हासिल कर चुकी थी।
करियर –
- पचाई कॉलेज से स्नातक होने के बाद, उन्होंने प्रो. सीवी रमन के अधीन काम किया, रूबी और हीरे के ऑप्टिकल गुणों पर शोध किया ।
- उन्होंने पांच शोध पत्र लिखे और अपना पीएचडी शोध प्रबंध प्रस्तुत किया, लेकिन उन्हें पीएचडी की डिग्री नहीं दी गई क्योंकि उनके पास भौतिकी में मास्टर डिग्री नहीं थी।
- साल 1948 में भारत लौटने के बाद, वह पुणे में मौसम विभाग में शामिल हो गईं । उन्होंने मौसम संबंधी उपकरणों पर कई शोध पत्र प्रकाशित किए।
- वह ज्यादातर ब्रिटेन से आयातित मौसम संबंधी उपकरणों की व्यवस्था के लिए जिम्मेदार थी। 1953 तक, वह 121 आदमियों के साथ विभाग की मुखिया बन गई थीं।
- अन्ना मणि मौसम यंत्रों में भारत को स्वतंत्र बनाना चाहती थी । उसने करीब 100 विभिन्न मौसम उपकरणों के चित्र को मानकीकृत किया।
- साल 1957-58 तक, उन्होंने सौर विकिरण को मापने के लिए स्टेशनों का एक नेटवर्क स्थापित किया। बंगलौर में, उसने एक छोटी सी कार्यशाला की स्थापना की जो हवा की गति और सौर ऊर्जा को मापने के उद्देश्य से उपकरणों का निर्माण करती थी।
- उन्होंने ओजोन को मापने के लिए एक उपकरण के विकास पर काम किया। उन्हें इंटरनेशनल ओजोन एसोसिएशन का सदस्य बनाया गया था। उसने थुम्बा रॉकेट लॉन्चिंग सुविधा में एक मौसम संबंधी वेधशाला और एक इंस्ट्रूमेंटेशन टॉवर स्थापित किया।
- अपने काम के प्रति समर्पित अन्ना मणि ने कभी शादी नहीं की। वह भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, अमेरिकी मौसम विज्ञान सोसायटी, अंतर्राष्ट्रीय सौर ऊर्जा सोसायटी, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO), मौसम विज्ञान और वायुमंडलीय भौतिकी के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ आदि जैसे कई वैज्ञानिक संगठनों से जुड़ी थीं।
- साल 1969 में उप महानिदेशक के रूप में उनका तबादला दिल्ली में हुआ। 1975 में, उन्होंने मिस्र में WMO सलाहकार के रूप में कार्य किया। वह 1976 में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के उप महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुईं।
अन्ना मणि का निधन –
1994 में उन्हें दौरा पड़ा और 16 अगस्त 2001 को तिरुवनंतपुरम में उनका निधन हो गया ।
अन्ना मणि की उपलब्धियाँ –
- विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने उन्हें 100 वीं जयंती पर याद किया और अन्ना साक्षात्कार के साथ उनकी जीवन प्रोफ़ाइल प्रकाशित की।
- 23 अगस्त 2022 को Google ने मणि को उनकी जयंती पर Google Doodle से सम्मानित किया।
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अंतिम कुछ शब्द –
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