भूपिंदर सिंह का जीवन परिचय, कौन है भूपिंदर सिंह,मृत्यु ,निधन । Bhupinder Singh Biography , Who is Bhupinder Singh ,Death ,Died in Hindi
भूपिंदर सिंह एक भारतीय संगीतकार थे, मुख्य रूप से एक ग़ज़ल गायक और बॉलीवुड पार्श्व गायक भी थे। वह भारतीय-बांग्लादेशी गायिका मिताली सिंह के पति थे ।
प्रशंसित गायक भूपिंदर सिंह का 18 जुलाई 2022 शाम 7:45 बजे मुंबई के अंधेरी के क्रिटिकेयर अस्पताल में निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे।
भूपिंदर सिंह का जीवन परिचय
नाम ( name) | भूपिंदर सिंह |
प्रसिद्दि (Famous For ) | गजल गायक |
जन्म तारीख (Date of birth) | 6 फरवरी 1940 |
उम्र( Age) | 82 साल (मृत्यु के समय ) |
जन्म स्थान (Place of born ) | अमृतसर , पंजाब |
मृत्यु की तारीख (Date of Death ) | 18 जुलाई 2022 |
मृत्यु का स्थान (Place of Death ) | मुंबई, महाराष्ट्र |
मृत्यु का कारण (Death Reason ) | कार्डियक अरेस्ट |
गृहनगर (Hometown) | अमृतसर , पंजाब |
नागरिकता(Nationality) | भारतीय |
धर्म (Religion) | हिन्दू धर्म |
पेशा (Occupation) | गजल गायक और संगीतकार |
वजन (Weight ) | 80 किग्रा |
आँखों का रंग (Eye Color) | काला |
बालो का रंग (Hair Color ) | काला |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | वैवाहिक |
भूपिंदर सिंह का जन्म एवं शुरुआती जीवन –
भूपिंदर सिंह का जन्म 6 फरवरी 1940 को अमृतसर , पंजाब में एक प्रशिक्षित गायक और उनके शुरुआती संगीत शिक्षक प्रोफेसर नाथ सिंहजी के घर हुआ था। उनके पिता एक सख्त शिक्षक थे, और भूपिंदर को एक समय में संगीत और उसके वाद्ययंत्रों से नफरत थी।
भूपिंदर सिंह का परिवार –
पिता का नाम | प्रोफेसर नाथ सिंहजी |
माता का नाम | ज्ञात नहीं |
पत्नी (Wife ) | मिताली मुखर्जी |
बच्चे (Children’s ) | निहाल सिंह |
भूपिंदर सिंह की शादी ,पत्नी
साल 1980 के समय भूपिंदर ने बांग्लादेशी गायिका मिताली मुखर्जी से शादी रचा ली थी और पार्श्व गायन से दूर हो गए ।
उनकी पत्नी मिताली मुखर्जी एक गायिका भी हैं। साथ में, उन्होंने ग़ज़ल और लाइव प्रदर्शन किया। उनका निहाल सिंह नाम का एक बेटा है जो एक संगीतकार भी है।
भूपिंदर सिंह का करियर –
धीरे-धीरे भूपिंदर को ग़ज़ल गाने का शौक़ हो गया और वह ओह अच्छी ग़ज़लें गाने लगे। अपने करियर की शुरुआत में, भूपिंदर ने ऑल इंडिया रेडियो , दिल्ली पर प्रदर्शन किया। वह दिल्ली दूरदर्शन केंद्र, दिल्ली से भी जुड़े रहे। उन्होंने गिटार और वायलिन सीखा।
साल 1962 में, संगीत निर्देशक मदन मोहन ने सतीश भाटिया द्वारा आयोजित एक डिनर प्रोग्राम में उनकी आवाज सुनी और उन्हें बॉम्बे बुलाया। उस समय सतीश भाटिया आकाशवाणी दिल्ली में निर्माता थे और भूपेंद्र उनके अधीन गिटारवादक के रूप में काम कर रहे थे.
जहां उन्होंने गज़ल “होके मजबूर मुझे उसु बुलाया होए गा” गाया। हालांकि यह ग़ज़ल हिट हुई लेकिन भूपेंद्र नव से इसे कोई खास पहचान नहीं मिली. हालांकि, फिल्म के कम बजट ने इसे और भी खराब कर दिया
बाद में भूपिंदर ने स्पेनिश गिटार और ड्रम पर कुछ गजलें बजाईं। साल 1968 में उनकी लिखी और गाई गई ग़ज़लों की एल.पी. लेकिन इन नौ अनुभवों के बाद उन्होंने एक और एल.पी. प्रस्तुत किया।
उसके बाद 1978 में रिलीज हुई तीसरी एलपी “दैट सिटी” ने उन्हें काफी प्रसिद्धि दिलाई। गीतकार गुलज़ार ने इस एल.पी. के गीत 1980 में लिखे थे।
उन्होंने उन्हें चेतन आनंद की हकीकत में मोहम्मद रफी , तलत महमूद और मन्ना डे के साथ होके मजबूर उन्हें बुलाया और गाने का मौका दिया।.
भूपिंदर की आवाज पार्श्व गायन में सबसे अनोखी में से एक है। उन्होंने किशोर कुमार और मोहम्मद रफ़ी के साथ कुछ लोकप्रिय युगल गीत गाए हैं ।
इसके बाद भूपिंदर ने निजी एल्बम जारी करना शुरू किया, जिसमें उनके पहले एल.पी. वो जो शायर था , जिसके लिए गीत 1980 में गुलज़ार ने लिखे थे।
भूपिंदर सिंह के बेहतरीन नग्मे
भूपेन्द्र सिंह के गाये हुए बेहतरीन यादगार गीत व गज़ल इस प्रकार हैं:
- दिल ढूँढता है,
- दो दिवाने इस शहर में,
- नाम गुम जायेगा,
- करोगे याद तो,
- मीठे बोल बोले,
- कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता,
- किसी नज़र को तेरा इन्तज़ार आज भी है
- दरो-दीवार पे हसरत से नज़र करते हैं,
खुश रहो अहले-वतन हम तो सफर करते हैं
भूपिंदर सिंह की मृत्यु –
प्रशंसित गायक भूपिंदर सिंह का 18 जुलाई 2022 को शाम 7:45 बजे मुंबई के अंधेरी के क्रिटिकेयर अस्पताल में निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे।
भूपिंदर की पत्नी मिताली ने कहा, “उनका सोमवार को निधन हो गया और अंतिम संस्कार 19 जुलाई 2022 को होगा। उन्हें पेट की बीमारी थी।”
क्रिटिकेयर एशिया अस्पताल के निदेशक डॉक्टर दीपक नामजोशी ने कहा, “भूपिंदर जी को दस दिन पहले हमारे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे इंफेक्शन हो गया था।
हमें पक्का संदेह था कि उसे पेट की बीमारी है और हम जांच कर रहे हैं। इसी दौरान उन्हें कोविड-19 हो गया । सोमवार सुबह उनकी हालत बिगड़ गई और हमें उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा।
उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ और शाम 7:45 बजे उनका निधन हो गया।’
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अंतिम कुछ शब्द –
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