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कल्याण सिंह एक भारतीय राजनेता हैं जिन्होंने राजस्थान के पूर्व राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में भी काम किया है। कल्याण सिंह भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए थे ।
उन्होंने अपने जीवन काल में विभिन्न पार्टियों भारतीय जनसंघ,
भारतीय जनता पार्टी ,राष्ट्रीय क्रांति पार्टी , समाजवादी पार्टी एवं जन क्रांति पार्टी के साथ काम किया।
21 अगस्त 2021 को उन्होंने विभिन्न बीमारियों से लड़ते हुए संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) अस्पताल में अंतिम साँस ली।
कल्याण सिंह का जीवन परिचय
नाम (Name) | कल्याण सिंह |
उम्र (Age) | 89 वर्ष (मृत्यु के समय ) |
जन्म तारीख (Date of Birth) | 5 जनवरी 1932 |
मृत्यु की तारीख Date of Death | 21 अगस्त 2021 |
जन्म स्थान( Birth Place) | माधोली गांव , तहसील-अटरोली,अलीगढ़, |
मृत्यु का स्थान (Place of Death) | लखनऊ , उत्तर प्रदेश |
मृत्यु का कारण (Death Cause) | शरीर के अंगो का काम करना बंद कर देना |
नागरिकता (Nationality) | भारतीय |
गृह नगर (Home Town) | अलीगढ़, उत्तर प्रदेश |
स्कूल (School) | ज्ञात नहीं |
कॉलेज (College ) | धर्म समाज महाविद्यालय, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश |
शिक्षा (Education) | बीए ,एलएलबी |
राशि (Zodiac Sign) | मकर |
धर्म (Religion) | हिन्दू |
जाति (Caste ) | लोधी |
आँखों का रंग (Eye Color) | काला |
बालो का रंग( Hair Color) | काले एवं सफ़ेद |
व्यवसाय(Professions) | राजनीतिज्ञ |
राजनीतिक दल(Political Party) | • भारतीय जनसंघ (1967-1980) • भारतीय जनता पार्टी (1980- 2009) • राष्ट्रीय क्रांति पार्टी (1999) • समाजवादी पार्टी (2009-2010) • जन क्रांति पार्टी (2010-2013) |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | विवाहित |
विवाह की तारीख ( Marriage Date ) | साल 1952 |
कुल संपत्ति (Net Worth) | 62 लाख (2014 की रिपोर्ट ) |
कल्याण सिंह का जन्म एवं प्रारंभिक जीवन (Born & Early life )
कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ जिले में हुआ था। इनका तालुक लोधी समुदाय से था।इनके पिता का नाम तेजपाल सिंह लोधी एवं माँ का नाम सीता देवी था।
1952 में कल्याण सिंह ने रामवती देवी से शादी की। दंपति ने एक बेटे (राजवीर सिंह) और एक बेटी (प्रभा वर्मा) को जन्म दिया।।
ये हिंदू राष्ट्रवादी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक स्वयंसेवक थे, स्कूल में रहते हुए ही ये हिंदू राष्ट्रवादी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य बन गए।
इनके बेटे, राजवीर सिंह और पोते, संदीप सिंह, भी राजनेता और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं ।इनकी एक बेटी भी है जिसका नाम प्रभा देवी है.
कल्याण सिंह का परिवार ( Kalyan Singh Family)
पिता का नाम (Father’s Name) | स्वर्गीय तेजपाल सिंह लोधी |
माता का नाम (Mother’s Name) | स्वर्गीय सीता देवी |
पत्नी का नाम (Wife’s Name) | रामवती देवी |
बेटे का नाम (Son ’s Name) | राजवीर सिंह (राजनेता) |
बेटी का नाम (Daughter’s Name) | प्रभा देवी |
कल्याण सिंह का राजनितिक करियर ( Kalyan Singh Political career)
विधान सभा सदस्य के रूप में करियर
पहली बार साल 1967 में कल्याण सिंह को उत्तर प्रदेश में विधानसभा पद के चुना गया था और विधानसभा की गद्दी उन्होंने लगभग 13 साल तक संभाली। वे साल 1980 तक इस गद्दी पर रहे
जब प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की थी तो उस दौरान कल्याण सिंह को 21 महीनो के लिए जेल में भेज दिया था।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर करियर
पहला कार्यकाल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में (Uttarpradesh CM )
जून 1991 में, भाजपा के विधानसभा का चुनाव जीतते ही कल्याण सिंह को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया । 6 दिसंबर 1992 को कल्याण सिंह ने बाबरी मस्जिद को गिरवाते ही शाम के समय अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था ।
नवंबर 1993 में, उन्होंने अतरौली और कासगंज विधानसभा इलाको से चुनाव में भाग लिया और दोनोंइलाको में अपनी जीत हासिल की । वे विपक्ष रूपी नेता के रूप में काम कर चुके है.
दूसरा कार्यकाल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में (Uttarpradesh CM )
सितंबर 1997 से नवंबर 1999 तक लगभग दो साल के लिए वे उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री पर बैठे । जब उनकी सरकार बनी तो उन्होंने हिंदुत्व को बढ़ावा देने के लिए सभी प्राथमिक स्कूलों की कक्षाओं को भारत माता की आरती के बाद ही पढ़ाई की शुरुआत करने की बात कही।
उन्होंने हिंदी भाषा को भी बढ़ावा देने के लिए कक्षा में बच्चो को अपनी हाजिरी या उत्तर देने के लिए ‘यस सर’ की जगह वंदे मातरम बोलने को कहा।
विभिन्न राजनितिक पार्टियों सदस्य के तौर में करियर
भारतीय जनता पार्टी में उनके मनमुटाव की वजह से उनको भारतीय जनता पार्टी छोड़ दिया और 1999 में उन्होंने राष्ट्रीय क्रांति पार्टी नाम की अपनी खुद की पार्टी की शुरुआत की ।
2004 में, पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कहने पर ये फिर से वापस भाजपा की पार्टी में ज्वाइन हो गए और अपनी पार्टी को बंद कर दिया । साल 2004 में ही इन्होने बुलंदशहर से भाजपा की पार्टी की तरफ से लोकसभा चुनाव में भाग लिया ।
20 जनवरी 2009 को, उन्होंने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ दिया और बतौर स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर इसमें जीत हांसिल की।
साल 2009 में उन्हें समाजवादी पार्टी में बुला लिया गया और 2009 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने समाजवादी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार किया। उसी दौरान उन्होंने अपने बेटे राजवीर सिंह को भी पार्टी में शामिल कर लिया .
14 नवंबर 2009 को, मुलायम सिंह यादव द्वारा उनको फिरोजाबाद लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया।
2010 में दुखी होकर कल्याण सिंह ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी, उन्होंने 5 जनवरी 2010 को उन्होंने अपनी स्वयं की एक नयी जन क्रांति पार्टी की शुरुआत की। उन्होंने 21 जनवरी 2013 को अपनी इस पार्टी को बंद कर दिया गया।
राजस्थान के राज्यपाल के तौर पर करियर
साल 2013 में उन्हें वापस से भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव आया जिसको स्वीकार करके उन्होंने भाजपा को ज्वाइन कर लिया। 4 सितंबर 2014 को कल्याण सिंह को राजस्थान के राज्यपाल के रूप में चुना गया और राजस्थान के राज्यपाल के रूप इन्होने पांच साल देश की सेवा की।
28 जनवरी 2015 को कल्याण सिंह हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल (अतिरिक्त प्रभार) के रूप में चुने गए और बतौर राजयपाल इन्होने मात्र सात से आठ महीने देश की सेवा की ।
कल्याण सिंह के विवाद ( Kalyan Singh Controversy )
सीबीआई के द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते ही कल्याण सिंह अपने साथ कुछ साथियो के साथ अयोध्या गये थे और वहां पर उन्होंने अयोद्या में राम मंदिर बनाने का फैसला लिया।
1 अक्टूबर 1991 को जब कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे तब उत्तप्रदेश की सरकार ने सैलानियों का ध्यान उत्तप्रदेश में खींचने के लिए बाबरी मस्जिद परिसर के पास की लगभग 2,77 एकड़ जमीन पर अधिग्रहण कर लिया था ।
जुलाई 1992 में जब भारतीय जनसंघ
परिवार ने भजन करने के लिए मजबूत सीमेंटऔर कंक्रीट की लगभग 10 फुट मोटी परत बिछाई थी हालाँकि बाद में विश्व हिंदू परिषद (VHP) द्वारा इसे राम मंदिर की नींव के रूप में घोषित कर दिया गया था ।
फरवरी 1998 में, कल्याण सिंह की सरकार ने राम जन्मभूमि आंदोलन में शामिल होने वाले लोगों के खिलाफ लगाए गए सभी मामले हटा दिए ।
उन्होंने कहा, “केंद्र में अगर भारतीय जनता पार्टी आती है तो राम मंदिर का निर्माण उसी जगह पर किया जायेगा ।”
उसके बाद उन्होंने 90 दिनों के भीतर उत्तराखंड राज्य को बनाने का वादा भी किया लेकिन उन्होंने इसके लिए अपनी एक शर्त रखी की
” भाजपा पार्टी के नेता अटल बिहारी वाजपेयी अगर भारत के प्रधान मंत्री बनते है तो 90 दिन के भीतर अपने कहे हुए बयानों के अनुसान वो उत्तराखंड बना देंगे” ।
कल्याण सिंह की मृत्यु ( Kalyan Singh Death )
3 जुलाई 2021 को कल्याण सिंह को साँस लेने में तकलीफ एवं अन्य बीमारी कारण डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया।
अस्पताल के डॉक्टरों ने अनुसार उनको गुर्दो की बीमारी थी हालाँकि बाद में जहां डॉक्टरों को गुर्दे की समस्या का संदेह था। बाद में, उनका ब्लडप्रेसर खतरनाक रूप से बढ़ गया था.
ख़राब हालत के कारण उनको तुरंत संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में भर्ती करा दिया गया था । 20 जुलाई तक उनकी हालत बहुत नाजुक बनी हुई थी और उनका इमरजेंसी कक्ष में इलाज जारी था ।
अचानक तबियत ज्यादा ख़राब होने से कल्याण सिंह 21अगस्त 2021 को अंतिम बार सांस ली। 89 वर्ष की उम्र में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में उनकी मर्त्यु हो गयी। वे सेप्सिस और मल्टी ऑर्गन के काम नहीं करने वाली बीमारी से पीड़ित थे
बीमारी जूझ रहे कल्याण जी से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल सहित कई नेता और राजनेताआनंदीबेन पटेल ने सिंह से अस्पताल में मुलाकात की।
कल्याण सिंह की कुल संपत्ति (Kalyan Singh Net Worth)
कुल संपत्ति (Net Worth 2021) | ₹62 लाख (2014 की रिपोर्ट ) |
मासिक आय /सैलरी (Monthly Income/Salary) | ₹3.5 से 4 लाख प्रति माह + अन्य कमाई |
आभुषण (Jewelry ) | 600 ग्राम सोने के आभूषण , 4 किलो चांदी |
नगद कैश ( Cash) | ₹18 लाख |
अन्य संपत्ति (Other Property ) | साल 2002 वाले मॉडल का एक मेस्सी ट्रैक्टर |
FAQ
कल्याण सिंह कौन थे ?
कल्याण सिंह एक भारतीय राजनेता थे जो राजस्थान के पूर्व राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके थे।
कल्याण सिंह की मर्त्यु कब हुई ?
कल्याण सिंह की मर्त्यु 21 अगस्त 2021 में उत्तरप्रदेश के लखनऊ शहर में हुई।
कल्याण सिंह का धर्म कौन सा है ?
कल्याण सिंह का धर्म हिन्दू था ।
कल्याण सिंह की डेथ कब हुई थी ?
कल्याण सिंह की डेथ 21 अगस्त 2021 को हुई
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अंतिम कुछ शब्द –
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