Home Biography फेमस व्यक्ति हजारी प्रसाद द्विवेदी की जीवनी | Hazari Prasad Dwivedi Biography In Hindi

हजारी प्रसाद द्विवेदी की जीवनी | Hazari Prasad Dwivedi Biography In Hindi

0
317

हजारी प्रसाद द्विवेदी की जीवनी , जीवन परिचय , बायोग्राफी , निधन , मृत्यु | Hazari Prasad Dwivedi Biography ,Death In Hindi

हजारी प्रसाद द्विवेदी महान हिंदी उपन्यासकार, प्रसिद्ध साहित्यिक इतिहासकार, महान निबंधकार, शोधकर्ता, लेखक, विद्वान, आधुनिक काल के आलोचक और साथ ही हिंदी के साथ साथ कई अन्य भाषाओं (जैसे संस्कृत, गुजराती, पाली, बंगाली, पंजाबी ) ज्ञाता थे ।

 उन्होंने साहित्य शास्त्र के विकास में एक महान भूमिका निभाई थी।  वह नामवर सिंह, शिवप्रसाद सिंह और विश्वनाथ त्रिपाठी से बहुत प्रभावित थे। और वह प्रभाव कबीर और रवींद्रनाथ टैगोर को बहुत मानते थे ।

हजारी प्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय। Hazari Prasad Dwivedi Biography In Hindi

असली नाम (Real Name )हजारी प्रसाद द्विवेदी
बचपन का नाम (Childhood Name)वैद्यनाथ द्विवेदी
जन्म तारीख (Date of birth)19 अगस्त 1907
जन्म स्थान (Place of born )बलिया , उत्तर प्रदेश  , ब्रिटिश भारत
गृहनगर (Hometown )बलिया, उत्तर प्रदेश, भारत
मृत्यु तिथि (Date of Death )19 मई 1979
मृत्यु का स्थान (Place of Death)दिल्ली , भारत
मृत्यु का कारण (Death Cause)लंबे समय से चली आ रही शरीर की बीमारी
उम्र( Age)71 वर्ष (मृत्यु के समय )
शिक्षा (Education)ज्योतिष में ‘आचार्य’ की डिग्री ,
संस्कृत में ‘शास्त्री’ की डिग्री
स्कूल  (School)स्थानीय स्कूल
विश्वविद्यालय (University )बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
पेशा (Profession)  लेखक, निबंधकार, विद्वान, इतिहासकार,
उपन्यासकार एवं आलोचक
हिंदी साहित्य का काल (Hindi literature period division)आधुनिक काल
हिंदी साहित्य विधा (Hindi literary Genre)हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार
धर्म (Religion) हिन्दू
जाति (Caste )कायस्थ( ब्राह्मण और क्षत्रिय दोनों जातियों को धारण करने का अधिकार )
नागरिकता(Nationality)भारतीय
वैवाहिक स्थिति (Marital Status)  शादीशुदा
शादी की तारीख (Marriage Date )साल 1927

हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म 19 अगस्त 1907 को हुआ था और उनका निधन 19 मई 1979 को हुआ था। उनका जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के बलिया जिले के गाँव (दुबे-का-छपरा) के पारंपरिक परिवार में हुआ था।

बचपन में इन्हे वैद्यनाथ द्विवेदी के नाम से बुलाया जाता था । हजारी प्रसाद का विवाह साल 1927 में भगवती देवी से हुआ था ।हजारी प्रसाद के पिता पंडित अनामोल द्विवेदी संस्कृत विद्वान थे। 

हजारी प्रसाद द्विवेदी की शिक्षा

उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल में पूरी हुई। उन्हें अपनी पीढ़ी से ज्योतिष और संस्कृत के प्रति प्रेम का जुनून मिला। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा संस्कृत भाषा में प्राप्त की

उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से वर्ष 1930 में ज्योतिष में इंटरमीडिएट की डिग्री और आचार्य की परीक्षाएं पूरी की हैं। 1940 से 1950 तक उन्होंने विश्वभारती में हिंदी भवन के निदेशक का पद संभाला।

हजारी प्रसाद द्विवेदी का परिवार

ता का नाम (Father)अनमोल द्विवेदी
माँ का नाम (Mother ) ज्योतिष्मती
पत्नी का नाम (Wife )भगवती देवी

हजारी प्रसाद द्विवेदी का करियर

उन्होंने 18 नवंबर 1930 को शांतिनिकेतन में हिंदी व्याख्याता के रूप में अपना करियर शुरू किया । उन्हें वर्ष 1940 में विश्वभारती में हिंदी भवन कार्यालय के निदेशक के रूप में प्रोमोसन किया गया था।

उन्होंने शांतिनिकेतन में अपने कार्यालय के दौरान रवींद्रनाथ टैगोर से मुलाकात की। उन्होंने वर्ष 1950 में शांतिनिकेतन छोड़ दिया था और हिंदी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख के रूप में बीएचयू में शामिल हो गए थे। इस दौरान उन्होंने 1955 में भारत सरकार द्वारा स्थापित प्रथम राजभाषा आयोग के सदस्य के रूप में भी चयन किया। 

साल 1960 में फिर से वे पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में शामिल हुए थे। उन्हें पंजाब विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख के रूप में चुना गया था  और बाद में विभाग के प्रमुख बने और सेवानिवृत्त हुए।

हजारी प्रसाद द्विवेदी के पुरस्कार और उपलब्धियां

  • आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी को हिंदी साहित्य में उनके महान योगदान के लिए वर्ष 1957 में पद्म भूषण द्वारा सम्मानित किया गया था
  • उन्हें आलोक पर्व के नाम से जाने जाने वाले निबंधों के सेट के लिए वर्ष 1973 में साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला।
  • उन्हें पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ द्वारा प्रोफेसर के साथ-साथ हिंदी विभाग के प्रमुख के पद से सम्मानित किया गया।
  • उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में इसके रेक्टर के रूप में काम किया है।
  • उन्होंने लखनऊ में यूपी हिंदी अकादमी की अध्यक्षता भी की।

हजारी प्रसाद द्विवेदी की मृत्यु

19 मई 1979 को ब्रेन ट्यूमर से आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी की निधन हो गया।

हजारी प्रसाद द्विवेदी की रचनाएँ

  • सूर साहित्‍य (1936)
  • हिन्‍दी साहित्‍य की भूमिका (1940)
  • प्राचीन भारत के कलात्मक विनोद (1952)
  • कबीर (1942)
  • नाथ संप्रदाय (1950)
  • हिन्‍दी साहित्‍य का आदिकाल (1952)
  • आधुनिक हिन्‍दी साहित्‍य पर विचार (1949)
  • साहित्‍य का मर्म (1949)
  • मेघदूत: एक पुरानी कहानी (1957)
  • लालित्‍य तत्त्व (1962)
  • साहित्‍य सहचर (1965)
  • कालिदास की लालित्‍य योजना (1965)
  • मध्‍यकालीन बोध का स्‍वरूप (1970)
  • हिन्दी साहित्य का उद्भव और विकास (1952)
  • मृत्युंजय रवीन्द्र (1970)
  • सहज साधना (1963)
  • हिंदी साहित्य

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी पर साहित्य रचनाएं

  • शांतिनिकेतन से शिवालिक (शिवप्रसाद सिंह,1967)
  • दूसरी परम्परा की खोज (नामवर सिंह, 1982)
  • हजारीप्रसाद द्विवेदी (विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, 1989)
  • साहित्यकार और चिन्तक आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी (राममूर्ति त्रिपाठी, 1997)
  • आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी – व्यक्तित्व और कृतित्व (व्यास मणि त्रिपाठी, 2008)
  • व्योमकेश दरवेश (विश्वनाथ त्रिपाठी, 2011)
  • हजारीप्रसाद द्विवेदी (चौथीराम यादव, 2012)
  • आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की जय-यात्रा (नामवर सिंह)

हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंध संग्रह –

  • अशोक के फूल (1948)
  • कल्‍पलता (1951)
  • मध्यकालीन धर्मसाधना (1952)
  • विचार और वितर्क (1957)
  • विचार-प्रवाह (1959)
  • कुटज (1964)
  • आलोक पर्व (1972) साहित्य अकादमी पुरुस्कार

हजारी प्रसाद द्विवेदी के उपन्यास

  • बाणभट्ट की आत्‍मकथा (1946)
  • चारु चंद्रलेख (1963)
  • पुनर्नवा (1973)
  • अनामदास का पोथा (1976)

यह भी जानें :-

अंतिम कुछ शब्द –

दोस्तों मै आशा करता हूँ आपको ”हजारी प्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय और रचनाएंं | Hazari Prasad Dwivedi Biography In Hindi वाला Blog पसंद आया होगा अगर आपको मेरा ये Blog पसंद आया हो तो अपने दोस्तों और अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करे लोगो को भी इसकी जानकारी दे

अगर आपकी कोई प्रतिकिर्याएँ हे तो हमे जरूर बताये Contact Us में जाकर आप मुझे ईमेल कर सकते है या मुझे सोशल मीडिया पर फॉलो कर सकते है जल्दी ही आपसे एक नए ब्लॉग के साथ मुलाकात होगी तब तक के मेरे ब्लॉग पर बने रहने के लिए ”धन्यवाद