शिवा थापा का जीवन परिचय, जीवनी ,बायोग्राफी ,बॉक्सिंग , बॉक्सर ,मुक्केबाज़ ,शादी, उम्र , लंबाई ,जाति, धर्म ,ताज़ा खबर, उम्र, कद, अगला मैच,वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप ,क्वार्टर फाइनल (Shiva Thapa Biography, Boxing , Caste, Religion, quarterfinal ,Latest Update in Hindi ,next Match, Age, Ranking, Religion, Next Game, Height, world boxing championship, Religion, Caste)
शिवा थापा गुवाहाटी, असम के एक भारतीय मुक्केबाज हैं। वह 2012 में ओलंपिक में प्रवेश करने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय भी हैं। मुक्केबाज होने के साथ-साथ वह ओएनजीसी के कर्मचारी भी हैं।
क्रिकेट और अन्य खेलों की तुलना में, बॉक्सिंग भारत में बहुत लोकप्रिय खेल नहीं है। नतीजतन, मुक्केबाजी के खेल में जगह बनाना काफी मुश्किल था, लेकिन एक छोटे से असमिया गांव में जन्मे इस चैंपियन ने सभी बाधाओं को पार किया
01 नवंबर 2021 को शिवा थापा ने बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप के प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में फ्रांस के लूनस हमराउई को 4-1 से हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए है।
शिवा थापा का जीवन परिचय
नाम ( Name) | शिवा थापा |
प्रसिद्दि (Famous For ) | जुलाई 2013 में अम्मान, जॉर्डन में आयोजित एशियाई परिसंघ मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय |
जन्म (Birth) | 8 दिसंबर 1993 |
उम्र (Age) | 27 साल (साल 2021 ) |
जन्म स्थान (Birth Place) | असमिया गांव , गुवाहाटी, असम, भारत |
गृहनगर (Hometown) | असमिया गांव , गुवाहाटी, असम, भारत |
राष्ट्रीयता (Nationality) | भारतीय |
राशि (Zodiac sign) | धनु राशि |
जाति (Caste ) | खास समूह की छेत्री जाति |
कद (Height) | 5 फुट 6 इंच |
वजन (Weight) | 56 किग्रा |
आंखों का रंग (Eye Colour) | काला |
बालों का रंग (Hair Colour) | काला |
कोच (Coach ) | पदम थापा |
पेशा (Profession) | मुक्केबाज़ |
अन्तर्राष्ट्रीय शुरुआत (International Debut) | चिल्ड्रेन एशिया इंटरनेशनल स्पोर्ट्स गेम्स, 2008, रूस के याकुत्स्क में आयोजित किया गया। शिव थापा ने कांस्य पदक जीता। |
श्रेणी (Ranking ) | शिव थापा एआईबीए मेन्स वर्ल्ड रैंकिंग में बैंटमवेट वर्ग में तीसरे स्थान पर हैं |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | आविवाहित |
शिवा थापा ताज़ा खबर ( Shiva Thapa Latest News )
बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप (Boxing World Championships ) –
पांच बार के एशियाई पदक विजेता शिव थापा (63.5 किग्रा) यहां चल रहे क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के बाद दो विश्व चैंपियनशिप पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष मुक्केबाज बनने से सिर्फ एक जीत दूर हैं।
असम के 27 वर्षीय खिलाड़ी ने सोमवार को देर रात प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में फ्रांस के लूनस हमराउई को 4-1 से हराकर आगे बढ़ गए
शिवा थापा का अगला मुकाबला ( Shiva Thapa Next Match )–
एशियाई रजत पदक विजेता दीपक बोहरिया (51 किग्रा) सहित चार अन्य प्रतियोगिता से बाहर होने के बाद सोमवार को जीत दर्ज करने वाले वह एकमात्र भारतीय मुक्केबाज थे।थापा का सामना मंगलवार रात को क्वार्टर फाइनल में तुर्की के केरेम ओजमेन से होगा।
बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में पुरस्कार राशि ( Rewards )
शोपीस में स्वर्ण विजेताओं को 100,000 अमरीकी डालर की पुरस्कार राशि दी जाएगी।रजत पदक विजेताओं को 50,000 अमरीकी डालर दिए जाने हैं,
दोनों कांस्य पदक विजेताओं को 25,000 अमरीकी डालर का पुरस्कार दिया जाएगा। कुल पुरस्कार राशि 2.6 मिलियन अमरीकी डालर है।
शिवा थापा का जन्म एवं शुरूआती जीवन (Shiva Thapa Birth & Early Life )
शिवा थापा का जन्म 8 दिसंबर 1993 को असम के गुवाहाटी शहर में पिता पदम थापा एवं माँ गोमा के यहां हुआ था। उनके पिता एक कराटे ट्रेनर है और उनकी माँ एक ग्रहणी है ।
शिवा अपने परिवार में जन्मे छह भाई बहनो में सबसे छोटे बेटे है। शिवा के बड़े भाई गोबिंद थापा असम राज्य स्तरीय पदक विजेता मुक्केबाज थे। उनके भाई आलावा उनकी चार बहने भी है जिनके नाम कविता थापा, गंगा थापा, सीता थापा, एवं गीता थापा है।
उनके पिता ने पहले शुरूआती दिनों में उन्हें अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में कराटे कक्षाओं दाखिला दिलवाया था, लेकिन जब उनके पिता को पता चला कि कराटे एक ओलंपिक खेल नहीं है, तो उन्होंने उन्हें एक मुक्केबाज में बदलने का फैसला किया।
शिव थापा ने 6 साल की छोटी उम्र में ही बॉक्सिंग में गहरी दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी थी और अपने लिविंग रूम में बॉक्सिंग का लगातार अभ्यास करना शुरू कर दिया। शिवा अपनी पढाई और बॉक्सिंग के लिए समय को संतुलित करने लिए सुबह 3 बजे उठते थे और अपनी बॉक्सिंग का अभ्यास किया करते थे।
उनके पिता ने अपने बेटे की कौशलता एवं प्रतिभा को पहचान कर यह सुनिश्चित किया कि उसे बॉक्सिंग की पूरी ट्रेनिंग मिले लेकिन शिव के पिता के लिए यह आसान नहीं था क्योंकि उनकी कमाई से घर खर्च बहुत ज्यादा थे ।
शिवा के पिता शुरुआती दिनों में एक स्ट्रीट फूड विक्रेता थे और उनके लिए अपने बेटे शिवा की ट्रेनिंग के लिए फीस की व्यवस्था करना बहुत मुश्किल हो रहा था तब ओलंपिक स्वर्ण खोज, एक गैर-लाभकारी संगठन ने बॉक्सर का साथ देने का फैसला किया और उनके रहने , खाने और ट्रेनिंग के लिए ₹ 30,000 का मासिक खर्चा देने का फैसला लिया ।
शिवा थापा का परिवार (Shiva Thapa Family)
पिता का नाम (Father’s Name) | पदम थापा (कराटे ट्रैनर ) |
माता का नाम (Mother’s Name) | गोमा |
बहन का नाम (Sister ’s Name ) | कविता थापा, गंगा थापा, सीता थापा, गीता थापा (सभी बहनें उनसे बड़ी हैं) |
भाई का नाम (Brother ’s Name ) | गोविंद थापा |
शिवा थापा के बॉक्सिंग करियर की शुरुआत ( Boxing Journey )
- उन्होंने पहली बार वर्ष 2005 में नोएडा में आयोजित सब-जूनियर नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में अपनी मुक्केबाजी क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
- सब-जूनियर नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में उन्हें 36 किग्रा वर्ग में लड़ना था, लेकिन एक गलत जानकारी वाले अधिकारी ने बताया कि ऐसी कोई श्रेणी नहीं है तो उन्हें 38 किग्रा वर्ग में लड़ना होगा।
- यह बात सुनकर उन्होंने तुरंत दो लीटर पानी पिया और सर्विस चैंपियन को हराया और अपना पहला राष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीता, जिससे अधिकारी रिंग में उनके प्रदर्शन से दंग रह गए थे ।
- साल 2008 में शिवा ने रूस के याकुत्स्क शहर में आयोजित चिल्ड्रन एशिया इंटरनेशनल स्पोर्ट्स गेम्स में अपनी श्रेणी में बॉक्सिंग प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता। उसी वर्ष के हैदर अलीयेव कप में, उन्होंने स्वर्ण पदक को अपने नाम किया ।साल 2008 में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के कारण, उन्हें आर्मेनिया में 2009 जूनियर विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 52 किग्रा वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था ।
- शिवा आर्मेनिया की राजधानी येरेवन की यात्रा करने वाले सात मुक्केबाजों की टीम में से एकमात्र अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता थे । उन्होंने इस चैंपियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम किया था ।
- साल 2010 में तेहरान में एशियाई युवा मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भाग लिया लेकिन सेमीफाइनल तक पहुंचने में असफल रहे।
- साल 2012 में अस्ताना , कजाकिस्तान में आयोजित एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर में हिस्सा लिया और सीरिया के वेसम सलामाना को 18-11 से हराकर स्वर्ण पदक जीता और 56 किलोग्राम वर्ग में 2012 लंदन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया ।
- थापा साल 2012 में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय मुक्केबाज थे । हालांकि, वह लंदन ओलंपिक के पहले दौर में (56 किग्रा) बैंटमवेट वर्ग में मैक्सिको के ऑस्कर वाल्डेज़ फिएरो से 9-14 से हार कर बाहर हो गए थे।
- साल 2013 में, अम्मान, जॉर्डन में एशियाई परिसंघ मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले शिव सबसे कम उम्र के भारतीय बने ।
- साल 2014 में शिवा थापा राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों दोनों में क्रमश: पहले दौर और क्वार्टर फाइनल में हारकर पदक हासिल करने में नाकाम रहे।
- साल 2015 में शिव थापा एआईबीए वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय बने ।
- साल 2016 शिव थापा ने पुरुषों की 56 किग्रा स्पर्धा में 2016 के रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया , लेकिन पहले दौर से आगे में ही हारकर बाहर हो गए।
- साल 2017 शिव थापा ने ताशकंद में एशियाई एमेच्योर मुक्केबाजी चैंपियनशिप में एलनूर अब्दुरैमोव से भिड़े लेकिन एलनूर अब्दुरैमोव चोट लगने के बाद खेल से बाहर हो गए और परिणाम स्वरूप शिव थापा को रजत पदक जीतने का मौका मिला ।
- साल 2019 में उन्होंने टोक्यो ओलंपिक टेस्ट इवेंट में कजाकिस्तान की राष्ट्रीय चैंपियन और एशियाई कांस्य विजेता सनताली तोलतायेव को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता।
शिवा थापा ओलम्पिक ( Shiva Thapa Olympics )
- 2012 लंदन ओलंपिक: 2012 में ओलंपिक में प्रवेश करने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बने ।
- 2016 रियो ओलंपिक: शिवा थापा प्रारंभिक दौर से आगे नहीं बढ़ पाए। वह 2012 के ओलंपिक स्वर्ण चैंपियन क्यूबा रोबेसी रामरेज़ के विरुद्ध 0–3 से हार गए। ओलंपिक में अपने निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद, शिव एशियाई चैंपियनशिप में सफल रहे हैं, और कई लोगों ने उन्हें कम से कम टोक्यो के लिए उड़ान भरने का अनुमान लगाया।
- 2020 टोक्यो ओलंपिक: शिवा टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके। टोक्यो ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा न करने का एकमात्र कारण यह है कि भारत के पास पहले से ही कई अच्छे मुक्केबाज़ हैं। पिछली विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले मनीष कौशिक उनमें से एक हैं।
शिवा थापा के रिकार्ड्स (Shiva Thapa Records )
- शिव थापा रियो 2016 ओलंपिक में जगह बनाने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज थे।
- एआईबीए विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय,जहां उन्होंने 2015 में कांस्य पदक जीता।
- जुलाई 2013 में अम्मान, जॉर्डन में एशियाई परिसंघ मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले सबसे युवा भारतीय
- वह केवल चार भारतीय मुक्केबाजों में से एक हैं जिन्होंने विश्व चैंपियनशिप जीती है, अन्य तीन विजेंदर सिंह , विकास कृष्ण यादव और गौरव बिधूड़ी हैं। उन्होंने क्रमशः 2009 (मिलान), 2011 (बाकू) और 2017 (हैम्बर्ग) में कांस्य पदक जीते।
- लगातार तीन एशियाई चैंपियनशिप पदक के साथ पहले और एकमात्र भारतीय मुक्केबाज – 2013 में एक स्वर्ण पदक, 2015 में एक कांस्य पदक और 2017 में एक रजत पदक
- उनके शानदार मुक्केबाजी कौशल ने उन्हें 16 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों में दस से अधिक स्वर्ण पदक, एक रजत पदक और तीन कांस्य पदक दिलाए हैं
शिवा थापा की उपलब्धिया (Shiva Thapa Achievements )
- 11 मार्च 2019 को फिनलैंड के हेलसिंकी में 38वें गीबी बॉक्सिंग टूर्नामेंट में रजत पदक जीता
- चेक गणराज्य, 2017 में आयोजित 48वें ग्रैंड प्रिक्स उस्ती नाद लाबेम में स्वर्ण पदक जीता
- ताशकंद, उज्बेकिस्तान में 2017 एशियाई एमेच्योर मुक्केबाजी चैंपियनशिप में रजत पदक जीता
- साल 2015 में दोहा आयोजित विश्व एमेच्योर चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता
- साल 2013 में आईसीसी स्पोर्ट्स एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित
- साल 2013 में जॉर्डन में आयोजित एशियन कन्फेडरेशन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता
- वर्ष का निर्णायक प्रदर्शन पुरस्कार, 2011 से सम्मानित किया गया
- साल 2010 में सिंगापुर में आयोजित युवा ओलंपिक खेलों में रजत पदक
- 2010 की बाकू में आयोजित एआईबीए यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रजत पदक
- साल 2008 में रूस के याकुत्स्क में बच्चों के एशिया अंतर्राष्ट्रीय खेल खेलों में कांस्य पदक
शिवा थापा को प्राप्त पुरस्कार (Shiva Thapa Awards )
- मुक्केबाजी के लिए अर्जुन पुरस्कार
- असम की सरकार ने उन्हें $100,000 (US$1,400) की राशि से सम्मानित किया।
- भारतीय ओलंपिक संघ ने उन्हें युवा ओलंपिक में रजत पदक के लिए 400,000 रुपये (5,600 डॉलर) का वित्तीय इनाम दिया, जबकि सिक्किम सरकार ने उन्हें 500,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया।
शिव थापा विवाद ( Shiva Thapa Controversies )
जुलाई 2013 में, उन्हें एक ड्रग विवाद में घसीटा गया, जहाँ उन पर नशीली दवाओं के उपयोग और गलत प्रकार से सामाजिककरण का आरोप लगाया गया था
शिवा थापा की कुल संपत्ति (Shiva Thapa Net Worth)
कुल संपत्ति (Net Worth 2021) | $ 3 मिलियन से ज्यादा |
कुल संपत्ति रुपयों में (Net Worth In Indian Rupees) | 20 से 25 करोड़ रूपये |
FAQ
शिवा थापा कौन है ?
शिवा थापा गुवाहाटी, असम के एक भारतीय मुक्केबाज हैं।
शिवा थापा के कोच कौन है ?
शिवा थापा के कोच पदम थापा है।
शिवा थापा की जाति क्या है ?
शिवा थापा खास समूह की छेत्री जाति से ताल्लुक रखते है।
शिवा थापा की उम्र क्या है ?
शिवा थापा की उम्र साल 2021 में 27 वर्ष है।
शिवा थापा का जन्म कब हुआ ?
शिवा थापा का जन्म 8 दिसंबर 1993 को असम के गुवाहाटी शहर में हुआ था।
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अंतिम कुछ शब्द –
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